Medical Courses after BA: बीए के बाद कर लीजिए मेडिकल के लाखों सैलरी वाले ये 6 कोर्स..

Medical Courses after BA: एमबीबीएस करने के लिए 12वीं में साइंस विषयों की पढ़ाई करना जरूरी है. लेकिन आप चाहें तो आर्ट्स के बाद मेडिकल के अन्य कोर्सेस में एडमिशन ले सकते हैं. नई दिल्ली (Medical Courses after BA). आर्ट्स स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाले आगे जाकर डॉक्टर नहीं बन सकते हैं. लेकिन वो चाहें तो मेडिकल के अन्य कोर्सेस में एडमिशन लेकर इस फील्ड में अपनी जगह बना सकते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि बीए के बाद (बैचलर ऑफ आर्ट्स) नौकरी के ज्यादा विकल्प नहीं मिलते हैं. ऐसे में बीए के बाद शॉर्ट टर्म मेडिकल कोर्सेस करियर स्टेबल करने में मददगार साबित हो सकते हैं. इनमें सैलरी भी भरपूर मिलती है.

एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस समेत ज्यादातर मेडिकल कोर्सेस की पढ़ाई करने के लिए 12वीं साइंस पास होना जरूरी है. इसके बाद नीट यूजी परीक्षा पास करना भी एक अनिवार्यता है. लेकिन अगर आपने 12वीं में आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ाई की थी और उसके बाद ग्रेजुएशन में बीए की डिग्री ली थी तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. अब आपके पास डॉक्टर या डेंटिस्ट बनने का विकल्प भले ही नहीं है पर मेडिकल फील्ड से जुड़े अन्य व्यवसाय ऑप्शंस

एक्सप्लोर कर सकते हैं.

बीए के बाद मेडिकल कोर्सेस

बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) ह्यूमैनिटीज या सोशल साइंस आधारित डिग्री है, जो आमतौर पर मेडिकल क्षेत्र से सीधे तौर पर नहीं जुड़ी होती है. फिर भी बीए करने वाले स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल और हेल्थकेयर क्षेत्र में कई कोर्स उपलब्ध हैं, जो उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर प्रदान करते हैं. ये कोर्स मुख्य रूप से मेडिकल साइंस, हेल्थकेयर मैनेजमेंट और संबद्ध स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस्ड हैं.

1. मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (MPH)

मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ पोस्टग्रेजुएट कोर्स है. यह हेल्थ पॉलिसी, महामारी विज्ञान (epidemiology) और कम्युनिटी हेल्थ पर फोकस्ड है. बीए स्टूडेंट्स के लिए यह कोर्स बेस्ट है, खासकर जिन्होंने सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी या सोशल वर्क जैसे विषय पढ़े हों.

  • पात्रता: किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीए डिग्री, न्यूनतम 50-60% अंकों के साथ. कुछ संस्थानों में GRE या समकक्ष स्कोर की आवश्यकता हो सकती है.
  • अवधि: 1-2 वर्ष.
  • करियर स्कोप: पब्लिक हेल्थ कंसल्टेंट, हेल्थ पॉलिसी एनालिस्ट, एनजीओ में हेल्थ प्रोग्राम मैनेजर, सरकारी स्वास्थ्य विभागों में नौकरियां. भारत में MPH ग्रेजुएट्स की औसत सैलरी 4-10 लाख रुपये प्रति वर्ष है.
  • प्रमुख संस्थान: AIIMS (नई दिल्ली), TISS (मुंबई), Indian Institute of Public Health.

2. मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (MHA)

यह कोर्स हेल्थकेयर मैनेजमेंट और हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पर फोकस्ड है. जिन बीए स्टूडेंट्स ने अर्थशास्त्र, मैनेजमेंट या साइकोलॉजी से पढ़ाई की हो, इसे चुन सकते हैं.

  • पात्रता: किसी भी स्ट्रीम में स्नातक डिग्री, न्यूनतम 50% अंकों के साथ. कुछ संस्थानों में CAT/MAT स्कोर या प्रवेश परीक्षा अनिवार्य.
  • अवधि: 2 वर्ष.
  • करियर स्कोप: हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, हेल्थकेयर कंसल्टेंट, मेडिकल ऑपरेशन्स मैनेजर. औसत सैलरी 3-8 लाख रुपये प्रति वर्ष.
  • प्रमुख संस्थान: TISS (मुंबई), Symbiosis (पुणे), Apollo Institute of Hospital Administration.

3. मास्टर ऑफ साइकोलॉजी (क्लिनिकल/हेल्थ साइकोलॉजी)

बीए साइकोलॉजी या संबंधित विषयों के स्टूडेंट्स क्लिनिकल या हेल्थ साइकोलॉजी में मास्टर्स कर सकते हैं. यह कोर्स मेंटल हेल्थ और मेडिकल सेटिंग्स में मनोवैज्ञानिक सहायता पर केंद्रित है.

  • पात्रता: बीए साइकोलॉजी या समकक्ष डिग्री, न्यूनतम 55% अंकों के साथ.
  • अवधि: 2 वर्ष.
  • करियर स्कोप: क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, हेल्थ काउंसलर, रिहैबिलिटेशन सेंटर में नौकरियां. औसत सैलरी 3-7 लाख रुपये प्रति वर्ष.
  • प्रमुख संस्थान: NIMHANS (बेंगलुरु), Amity University, Christ University.

4. डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्सेज इन हेल्थकेयर

बीए के बाद मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी, न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स जैसे डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स लोकप्रिय हैं. ये शॉर्ट टर्म कोर्स हैं, जो तुरंत करियर शुरुआत की सुविधा देते हैं.

  • पात्रता: किसी भी स्ट्रीम में बीए डिग्री, कुछ कोर्सेज में विज्ञान विषयों की पृष्ठभूमि की जरूरत हो सकती है.
  • अवधि: 6 महीने से 2 वर्ष.
  • करियर स्कोप: लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट असिस्टेंट, न्यूट्रिशन काउंसलर. औसत सैलरी 2-5 लाख रुपये प्रति वर्ष.

5. मास्टर ऑफ सोशल वर्क (MSW) – मेडिकल और साइकियाट्रिक विशेषज्ञता

जिन स्टूडेंट्स ने सोशल वर्क में बीए किया हो, उनके लिए MSW में मेडिकल और साइकियाट्रिक बेस्ट रहेगा. यह कोर्स मरीजों और उनके परिवारों को सामाजिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है.

  • पात्रता: बीए (सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी या समकक्ष), न्यूनतम 50% अंकों के साथ.
  • अवधि: 2 वर्ष.
  • करियर स्कोप: मेडिकल सोशल वर्कर, एनजीओ में काउंसलर, हॉस्पिटल में रीहैबिलिटेशन विशेषज्ञ. एवरेज सैलरी 3-6 लाख रुपये प्रति वर्ष.
  • प्रमुख संस्थान: TISS (मुंबई), दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया.

6. मास्टर इन हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स

यह कोर्स हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन पर आधारित है. यह डेटा मैनेजमेंट और हेल्थकेयर सिस्टम्स पर फोकस्ड है. बीए (कंप्यूटर एप्लिकेशन या स्टैटिस्टिक्स) वाले स्टूडेंट्स इसे चुन सकते हैं.

  • पात्रता: बीए डिग्री, कुछ संस्थानों में तकनीकी पृष्ठभूमि की आवश्यकता.
  • अवधि: 1-2 वर्ष.
  • करियर स्कोप: हेल्थ डेटा एनालिस्ट, हेल्थकेयर IT कंसल्टेंट. औसत सैलरी 4-10 लाख रुपये प्रति वर्ष.
  • प्रमुख संस्थान: IIHMR (जयपुर), मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन.

7. MBBS (विशेष परिस्थितियों में)

बीए के बाद MBBS में एडमिशन तभी संभव है, जब स्टूडेंट ने 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषय लिए हों और NEET भी क्वॉलिफाई किया हो. कुछ देशों में (जैसे ईरान, रूस, यूक्रेन) के MBBS प्रोग्राम में एडमिशन के लिए बीए डिग्री स्वीकार की जाती है.

  • पात्रता: 12वीं में PCB के साथ 50% अंक, NEET स्कोर.
  • अवधि: 5-7 वर्ष.
  • करियर स्कोप: डॉक्टर, मेडिकल रिसर्चर. औसत सैलरी 8-20 लाख रुपये प्रति वर्ष.

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